Vijayadashmi special

  • Vijayadashmi special 
www.jagatgururampalji.org

दशहरा (विजयादशमी या आयुध-पूजा) हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। अश्विन (क्वार) मास के शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को इसका आयोजन होता है। भगवान राम ने इसी दिन रावण का वध किया था तथा देवी दुर्गा ने नौ रात्रि एवं दस दिन के युद्ध के उपरान्त महिषासुर पर विजय प्राप्त किया था। इसे असत्य पर सत्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। इसीलिये इस दशमी को 'विजयादशमी' के नाम से जाना जाता है (दशहरा = दशहोरा = दसवीं तिथि)। दशहरा वर्ष की तीन अत्यन्त शुभ तिथियों में से एक है, अन्य दो हैं चैत्र शुक्ल की एवं कार्तिक शुक्ल की प्रतिपदा. इस दिन लोग शस्त्र-पूजा करते हैं और नया कार्य प्रारम्भ करते हैं (जैसे अक्षर लेखन का आरम्भ, नया उद्योग आरम्भ, बीज बोना आदि)। 

  • अंधविश्वास पाखंड पूजा हैं|
ऐसा विश्वास है कि इस दिन जो कार्य आरम्भ किया जाता है उसमें विजय मिलती है। प्राचीन काल में राजा लोग इस दिन विजय की प्रार्थना कर रण-यात्रा के लिए प्रस्थान करते थे। इस दिन जगह-जगह मेले लगते हैं। रामलीला का आयोजन होता है। रावण का विशाल पुतला बनाकर उसे जलाया जाता है।

  • यह सब शास्त्र विरुद्ध साधना है|
  • दशहरा अथवा विजयदशमी भगवान राम की विजय के रूप में मनाया जाए अथवा दुर्गा पूजा के रूप में, दोनों ही रूपों में यह शक्ति-पूजा का पर्व है, शस्त्र पूजन की तिथि है। हर्ष और उल्लास तथा विजय का पर्व है। भारतीय संस्कृति वीरता की पूजक है, शौर्य की उपासक है। व्यक्ति और समाज के रक्त में वीरता प्रकट हो इसलिए दशहरे का उत्सव रखा गया है। दशहरा का पर्व दस प्रकार के पापों- काम, क्रोध, लोभ, मोह मद, मत्सर, अहंकार, आलस्य, हिंसा और चोरी के परित्याग की सद्प्रेरणा प्रदान करता है।[1] विजयदशमी के दिन ना तो कोई शुभ कार्य होते हैं और ना कोई विजय प्राप्त करता है यह सब लोक वेद के आधार पर बोलते हैं अर्थात दंतकथा ना तो इससे कोई विजय प्राप्त करता है और ना व्यापार में विजय होती है और ना आज तक किसी का विकार खत्म हुआ|
  • शास्त्र अनुकूल साधना|
  • यह विकार सिर्फ पूर्ण परमात्मा की सत भक्ति करने से ही खत्म हो सकते है| और पूर्ण परमात्मा की सत भक्ति वर्तमान में संत रामपाल जी महाराज जी प्रदान करते हैं अधिक जानकारी के लिए देखिए साधना टीवी चैनल शाम 7:30 बजे|

Comments

Popular posts from this blog

Allah Kabir

Quran ka gyan

Buddha's Quotes